भविष्य के युद्धों के लिए तैयार हो रही हैं भारतीय सेनाएं: राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। देश की रक्षा तैयारियों को लेकर गुरुवार को एक अहम संदेश देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेनाएं अब मल्टी-स्पेक्ट्रम चुनौतियों का सामना करने को पूरी तरह तैयार हो रही हैं। उन्होंने बताया कि आज के दौर में युद्ध सिर्फ ज़मीन, हवा और समुद्र तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अब साइबर स्पेस और स्पेस डोमेन भी नए युद्ध क्षेत्र के रूप में तेजी से उभरे हैं।
राजनाथ सिंह ने राजधानी में आयोजित 'द वीक डिफेंस कॉन्क्लेव' के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, "अब युद्ध केवल हथियारों से नहीं लड़े जाएंगे, बल्कि नैरेटिव और परसेप्शन की लड़ाई भी उतनी ही अहम होगी।" उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के तेज़ी से बढ़ते प्रभाव के चलते भविष्य के युद्ध ज्यादा हिंसक, जटिल और अप्रत्याशित होंगे।
डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर भारत की छलांग
रक्षा मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि भारत अब केवल रक्षा आयातक नहीं, बल्कि रक्षा निर्यातक देश बनने की दिशा में बढ़ चुका है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में जहां घरेलू रक्षा उत्पादन करीब 40,000 करोड़ रुपये था, वहीं अब यह बढ़कर 1.27 लाख करोड़ रुपये हो चुका है और आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
उन्होंने यह भी कहा कि 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित किया गया है, और यह सिर्फ एक टैगलाइन नहीं, बल्कि रक्षा मंत्रालय की गहरी प्रतिबद्धता है।
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