भारत की रणनीतिक जीत: त्रिंकोमली में श्रीलंका-पाकिस्तान नौसैनिक अभ्यास रद्द

भारत की कूटनीतिक सक्रियता और क्षेत्रीय प्रभुत्व ने एक बार फिर अपनी ताकत का अहसास कराया है। श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच त्रिंकोमली में प्रस्तावित नौसैनिक अभ्यास को भारत की आपत्ति के बाद रद्द कर दिया गया है। यह कदम भारत के समुद्री सुरक्षा हितों और हिंद महासागर में बढ़ते रणनीतिक प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
त्रिंकोमली: एक रणनीतिक केंद्र
त्रिंकोमली, श्रीलंका के उत्तरपूर्वी तट पर स्थित, हिंद महासागर के सबसे बेहतरीन और गहरे प्राकृतिक बंदरगाहों में से एक है। भारत इसे अपने सुरक्षा और ऊर्जा हितों के लिहाज़ से बेहद अहम मानता है। इसी वजह से भारत श्रीलंका के साथ मिलकर त्रिंकोमली में ऊर्जा बुनियादी ढांचे के विकास में भागीदार बना है।
भारत की कूटनीति का असर
भारत ने श्रीलंका को स्पष्ट रूप से अपनी चिंताएं जताईं, जिसके बाद यह प्रस्तावित अभ्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी कोलंबो यात्रा से पहले रद्द कर दिया गया। भले ही श्रीलंका और पाकिस्तान की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि भारत की आपत्ति को गंभीरता से लिया गया।
चीन की बढ़ती उपस्थिति पर भी भारत सख्त
भारत पहले भी श्रीलंका में चीनी युद्धपोतों की मौजूदगी को लेकर चिंता जता चुका है। 2022 में हंबनटोटा बंदरगाह पर चीनी जहाज "युआन वांग" के आगमन ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया था। इसके बाद भी भारत ने श्रीलंका को निगरानी विमानों की सहायता दी, जिससे द्विपक्षीय सामरिक सहयोग और मजबूत हुआ।
तीन देशों की साझेदारी
इस महीने, भारत, श्रीलंका और यूएई के बीच त्रिंकोमली को ऊर्जा हब के रूप में विकसित करने का समझौता हुआ है। यह केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सुरक्षा और रणनीति के लिहाज़ से भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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