संभल हिंसा सपा विधायक और सांसद की आपसी रंजिश का परिणाम है..

संभल के चंदौसी स्थित जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान वहां हिंसा हुई। इस दंगे में 4 लोग मारे गए है I सबसे जरूरी बात ये है कि भाजपा पर दंगे कराने का आरोप लगाने वाली सपा ये बात छुपाना चाहती है कि ये लड़ाई सपा सांसद और सपा के ही विधायक के समर्थकों के बीच हुई है I तुर्क सांसद के समर्थकों की गोली से पठान विधायक इकबाल महमूद अंसारी के समर्थक मारे गए, जबकि पठान समर्थकों की गोली से तुर्क समुदाय के 2 सदस्य भी इस दंगे का शिकार हुए और अपनी जान गवां बैठे I ये दंगा सपा सांसद और विधायक के समर्थकों के बीच ही हुआ है और दोनों मुसलमान है इससे ये साफ़ पता चलता है कि इस दंगे की जिम्मेदार समाजवादी पार्टी है I
जब कहीं दंगा हिंदू और मुस्लिम के बीच हो तो हिंदू आरोपी हो जाता है वही दूसरी तरफ़ जब दंगा दो मुस्लिम जातियों के बीच हो तो इसका कारण भाजपा हो जाती है I
जिला संभल एक ऐसा जिला है जिसका सनातन इतिहास से काफ़ी ज़्यादा जुड़ाव रहा है 68 तीर्थ और धार्मिक मान्याताओं को समेटे 19 कूप यानी कुवें हैं. सतयुग में इस जिले को सत्यव्रत त्रेता में महदगिरि, द्वापर में पिंगल, कलियुग में कहा जाता है संभल साथ ही साथ ये जिला भगवान विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार कल्कि का जन्मस्थान माना जाता है I एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने यही दावा किया है कि संभल में बनी जामा मस्जिद भगवान कल्कि को समर्पित एक मंदिर के खंडहरों पर बनाई गई है। 1526-27 में बाबर के आक्रमण के दौरान मंदिर को नष्ट करने के बाद मस्जिद का निर्माण किया गया था। एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ये भी दावा करते है कि बाबरनामा और अकबरनामा जैसे ऐतिहासिक ग्रंथ बाबर की ओर से मंदिर के विनाश का दस्तावेजीकरण करते हैं।
19 नवंबर को एक स्थानीय अदालत ने संभल के चंदौसी स्थित जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। यह आदेश चंदौसी में संभल के सिविल जज आदित्य सिंह की अदालत ने पारित किया था। पहला सर्वे 19 नवंबर को हुआ और दूसरा सर्वे 24 नवंबर को हुआ और अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि सर्वेक्षण की रिपोर्ट 29 नवंबर तक उसके समक्ष प्रस्तुत करने का ऑर्डर दिया था।
इस संभल हिंसा मामले में पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को आरोपी नंबर बनाया जबकि विधायक के बेटे सुहेल इक़बाल को आरोपी नंबर दो बनाया गया है. पुलिस की ओर दाखिल एफआईआर के मुताबिक समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने राजनीतिक लाभ के लिए भीड़ को भड़काया और जानबूझकर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा जिसकी वजह से 4 लोगों की जान गई I एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि 24 नवंबर को सर्वे के दौरान इक्कठा हुई भीड़ में विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल भी मौजूद था.
कब्जाई मंदिर का सिर्फ़ सर्वे करने गई टीम पर जानलेवा हमला करके सपाई कार्यकर्ता ये साबित कर रहे है कि उनकी पार्टी मुगल की सोच और विचारधारा पर चलती है I वो भी हिंदुओं को काफिर समझ उनको प्रताड़ित करते थे उनको पत्थर मार मार कर मारा करते थे आज सपा के कार्यकर्ता भी सम्भाल में यही काम करते पकड़े गए I
अब यहाँ से एक बात साफ़ जाहिर होती है कि पिता की बनाई विरासत को कब्जा करने का बाद सपा का हर वो इतिहास अखिलेश यादव अपने नाम करना चाहते है जो मुलायम सिंह यादव के नाम था भले ही वो इतिहास दंगे कराने का क्यों न हो I
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