ढाका में हिंदू मंदिर में लगाई गई आग... आखिर कब रुकेंगे हिंदुओं पर हमले?

बांग्लादेश में लगातार बीते कुछ दिनों से हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं.. चीखते चिल्लाते हिंदुओं की पुकार सिर्फ कुछ कानों तक पहुंच रही है मगर हिंसक हाथों को रोकने का साहस कोई नहीं कर रहा है। सरकार लगातार बंगलादेश सरकार से अपील की रही है कि हमले रोके जाएं मगर लोकतांत्रिक सरकार की अपील कट्टरपंथी भीड़ के कानों में बस नहीं रही है।
बीती रात ढाका में इस्कॉन द्वारा संचालित एक मंदिर पर कट्टरपंथी नारे लगाने वाली भीड़ ने बड़ा हमला किया..हमले में हिंदू मंदिर में आग लगा दी गई और मौजूद पुजारी को पीटा गया...आग लगाने से मंदिर को बड़ा नुकसान हुआ है..मंदिर में मौजूद श्रीहरि के विग्रह को क्षति पहुंची है..मगर ये हमला और आगजनी भी बस एक घटना की तरह होकर बीत गए हैं.. हिंदू बता रहे हैं चिल्ला रहे हैं मगर कट्टरपंथी नफरत से भरी हुई कौम के अंदर घृणा की दीवारें इतनी बड़ी है कि वहां किसी की दया याचिका पहुंच नहीं पा रही है।
अब बड़ा सवाल उठता है कि क्या हिंदू मंदिर सिर्फ जलाने के मकसद से वहां मौजूद हैं? आखिर हिंदुओं पर अत्याचार रुक क्यों नहीं रहे हैं? वहां का कट्टरपंथ और सरकार सोए हुए है मगर भारत देश में कट्टरपंथी कौम की रहनुमा पार्टियां चुप क्यों हैं? क्या केजरीवाल, अखिलेश, राहुल, प्रियंका किसी ने अबतक मर रहे पिट रहे हिंदुओं के हक में एक भी शब्द बोला है? क्या हिंदू की जान की इस जगत में कोई कीमत नहीं? क्या राजनीतिक लोग मरने वाले ड्रामे की सियासत सिर्फ एक खास कौम के लिए करते हैं? क्या ऐसे ही मंदिरों पर हमले होते रहेंगे?
ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब मिलने नामुमकिन हैं क्योंकि सेक्युलरिज्म के नाम पर तमाम जुबान सिल ली जाती हैं.. क्योंकि हिंदू हक पर बोलना सांप्रदायिक कहकर नकार दिया जाता है..यही वजह है कि कुछ करोड़ हमलावर कट्टरपंथी कौम को पता है कि बगल वाले देश में 120 करोड़ हिंदू एकसाथ नहीं बोलेंगे और इस देश में उनके जैसे तमाम कट्टरपंथी राजनीतिक गिद्धों की शय उन्हें मिलती रहेगी।
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