शौर्य दिवस पर याद कर लो..कोर्ट ने नहीं नरेंद्र मोदी ने बनाया है आपका राम मंदिर..!

शौर्य दिवस के अवसर पर समस्त हिंदू समाज को याद रखना चाहिए कि तमाम बलिदानियों और हिंदू योद्धाओं ने जिस मन्दिर के लिए अपने सर्वस्व को होम किया है उनके पुरुषार्थ को परिणाम तक ले जाने वाले व्यक्ति का नाम है ... नरेंद्र मोदी..!
जी हाँ, ऊपरी सच्चाई है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से देश में राम मंदिर बना है..मगर भीतरी सच्चाई है कि नरेंद्र मोदी जी की राम के प्रति निष्ठा, लगन, अटूट विश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते ही भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है। कहने दीजिये कि ऐसा प्रधान भूतो न भविष्यति..ऐसा दिग्दर्शी जिसने 90 के दशक की राम रथयात्रा के वक्त ही आंखों में सपना संजो लिया था कि उसी जगह पर रामलला का मंदिर बनवाना है...ये वो सपना था जो हर हिंदू की आंखों ने नहीं आत्मा ने देखा था और संघ-बीजेपी परिवार के एजेंडे में सबसे ऊपर रहा करता था..!
याद रखिए कि सुप्रीम कोर्ट का तो आदेश था कि राम मंदिर और मस्जिद दोनों ही बनेंगे मगर जरा सोचिए यदि नरेंद्र मोदी की जगह मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, अखिलेश यादव , केजरीवाल जैसे लोग प्रधानमंत्री होते तो पहले मंदिर बनता या मस्जिद इतना भव्य उद्घाटन मंदिर का होता या मस्जिद का होता? इतना बजट मंदिर की आभा के लिए खर्च होता या मस्जिद की अजान के लिए..सार समझिए कि नरेंद्र मोदी के होने से क्या हुआ है!
समझिए कि कोर्ट तो तब भी थे..सुप्रीम कोर्ट भी थे...मगर क्या यदि किसी और की सरकार होती तो क्या लाचार राजनीतिक शक्ति के आगे समाज नतमस्तक होता तो क्या मन्दिर बनता? जब समाज अपने लक्षित उद्देश्य के लिए इकट्ठा होकर नरेंद्र मोदी जैसे राजा को चुनता है..तो बदले में राष्ट्र की संस्कृति को धार्मिक धरोहर को वापस संजोने का काम ऐसे ही गुणों से भरपूर व्यक्ति करता है। शौर्य दिवस के इस मौके पर नमन करिए देश के प्रधानमंत्री की दृढ़ इच्छा शक्ति को जिसके चलते भव्य राम मंदिर का निर्माण हो सका है।
What's Your Reaction?






