दिल्ली मेट्रो का नया कीर्तिमान: पाताल में भी दौड़ेगी मेट्रो!

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मेट्रो के चौथे फेज में तुगलकाबाद से एयरोसिटी तक बन रही गोल्डन लाइन पर सबसे गहरी सुरंग का निर्माण पूरा कर लिया गया है। यह सुरंग इग्नू स्टेशन (छतरपुर मंदिर की ओर) के पास बनाई गई है, जहां से मंगलवार को टनल बोरिंग मशीन (TBM) सफलतापूर्वक बाहर निकाली गई।
इस मौके पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, और डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार मौजूद रहे। डीएमआरसी के प्रवक्ता अनुज दयाल ने बताया कि इस सुरंग की औसत गहराई 27 मीटर है, जिसमें सबसे कम 15 मीटर और सबसे ज्यादा 39 मीटर गहराई दर्ज की गई है।
दिल्ली मेट्रो की अब तक की सबसे गहरी सुरंग
इस सुरंग के निर्माण में 1048 रिंग लगाए गए हैं, जिनका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है। इसे अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड (EPBM) तकनीक से तैयार किया गया है। मुंडका में स्थित मशीनीकृत कास्टिंग यार्ड में इन टनल रिंग्स को तैयार किया गया था।
निर्माण के दौरान कठोर चट्टानों और खड़ी ढलान जैसी कई भू-विज्ञान संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। यहां तक कि खुदाई के दौरान स्क्रू ऑगर क्षतिग्रस्त हो गया, जिसे बदलना पड़ा।
सुरक्षा का रखा गया विशेष ध्यान
इस सुरंग का निर्माण मौजूदा वायडक्ट और आसपास की इमारतों के नीचे किया गया है। किसी भी प्रकार की जमीनी धंसान को रोकने के लिए अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों की मदद से साइट की लगातार निगरानी की गई।
1460 मीटर लंबी इस सुरंग को एक 97 मीटर लंबी टनल बोरिंग मशीन (TBM) की मदद से खोदा गया है, जो मेट्रो निर्माण के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है।
दिल्ली मेट्रो चौथे फेज की स्थिति
चौथे फेज में कुल 112.42 किलोमीटर के नेटवर्क का निर्माण हो रहा है, जिसमें छह लाइनें शामिल हैं:
✔ जनकपुरी से आश्रम मार्ग
✔ मजलिस पार्क से मौजपुर
✔ एयरोसिटी से तुगलकाबाद
इनमें से 65 किलोमीटर नेटवर्क का निर्माण कार्य जारी है, जिसमें 60% से अधिक काम पूरा हो चुका है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
✅ जनवरी 2024 में जनकपुरी पश्चिम से कृष्णा पार्क एक्सटेंशन (मैजेंटा लाइन) पर मेट्रो सेवा शुरू हो चुकी है।
✅ लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रप्रस्थ से इंद्रलोक के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है।
दिल्ली मेट्रो का यह नया रिकॉर्ड न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा बल्कि भविष्य में मेट्रो निर्माण तकनीकों में भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा।
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