मोहम्मद शमी की बेटी के होली खेलने से कट्टरपंथी मौलवियों को लगी मिर्ची.. दे डाली नसीहत

Mar 15, 2025 - 10:42
Apr 3, 2025 - 13:50
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मोहम्मद शमी की बेटी के होली खेलने से कट्टरपंथी मौलवियों को लगी मिर्ची.. दे डाली नसीहत

भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी अक्सर अपने खेल के अलावा भी चर्चा में रहते हैं। कभी उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाए जाते हैं, तो कभी उनकी व्यक्तिगत ज़िंदगी को निशाना बनाया जाता है। लेकिन इस बार जो हुआ, वह और भी चौंकाने वाला है। कट्टरपंथियों ने अब उनकी बेटी के होली खेलने पर आपत्ति जताई है और इसे इस्लाम के ख़िलाफ़ बताते हुए शमी की परवरिश पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या होली खेलना गुनाह है?

होली एक ऐसा त्योहार है, जिसे पूरे भारत में धर्म और जाति से परे मनाया जाता है। कई मुस्लिम परिवार भी इस त्योहार में शामिल होते हैं। यह केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द का प्रतीक भी है। लेकिन कट्टरपंथी मानसिकता इसे एक धार्मिक मुद्दा बना रही है।

जब मोहम्मद शमी की बेटी ने होली खेली, तो सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उन्हें इस्लाम की दुहाई देते हुए निशाना बनाना शुरू कर दिया। सवाल पूछे गए कि रमज़ान के दौरान यह कैसे हो सकता है? जुमे की नमाज का समय क्या है? और शमी अपने बच्चों की कैसी परवरिश कर रहे हैं?

शमी पहले भी रह चुके हैं निशाने पर

यह पहली बार नहीं है जब मोहम्मद शमी कट्टरपंथियों के निशाने पर आए हों। जब टी-20 वर्ल्ड कप 2021 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की हार हुई थी, तब भी कुछ लोगों ने उन्हें पाकिस्तान समर्थक बताते हुए ट्रोल किया था। लेकिन उस समय भारत के तमाम क्रिकेट प्रेमियों और पूर्व खिलाड़ियों ने शमी का समर्थन किया था।

इसके अलावा अभी हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान एक मैच में जब शमी ने एनर्जी ड्रिंक पिया था तभी इन मौलानाओं ने काफी बवाल खड़ा किया था कि रमजान के दौरान शमी एनर्जी ड्रिंक कैसे पी सकता है 

कट्टरता बनाम व्यक्तिगत स्वतंत्रता

भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हर नागरिक को अपनी इच्छानुसार त्योहार मनाने और अपनी संस्कृति के अनुसार जीने का अधिकार है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है, न कि किसी धर्म के ख़िलाफ़ जाने का।

समाज को क्या सीखने की ज़रूरत है?

1. धर्म को जबरन थोपा न जाए – किसी को अपने धर्म की व्याख्या दूसरों पर थोपने का अधिकार नहीं होना चाहिए।


2. सांस्कृतिक सहिष्णुता जरूरी है – भारत की पहचान विविधता में एकता है।


3. सोशल मीडिया ट्रोलिंग पर रोक लगे – किसी भी व्यक्ति की निजी जिंदगी पर इस तरह के हमले बंद होने चाहिए।

मोहम्मद शमी की बेटी का होली खेलना उनका निजी मामला है। कट्टरपंथियों को यह समझने की जरूरत है कि भारतीय संस्कृति सभी को मिल-जुलकर रहने और एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करने की सीख देती है। धर्म किसी की व्यक्तिगत पसंद पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं देता। जब तक हम इस मानसिकता को नहीं बदलेंगे, तब तक समाज में कट्टरता बनी रहेगी।

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