पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया को शाहिद अफरीदी ने दी थी धमकी.. कहां इस्लाम कबूल करो वरना क्रिकेट करियर बर्बाद कर दूंगा

पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने अमेरिका की कांग्रेस में अपने साथ हुए भेदभाव और पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने खुलासा किया कि शाहिद अफरीदी ने उनके खिलाफ साजिश रची और उनका करियर बर्बाद कर दिया, क्योंकि उन्होंने इस्लाम धर्म अपनाने से इनकार कर दिया था।
US कॉन्ग्रेस में क्या बोले दानिश कनेरिया?
दानिश कनेरिया, जो पाकिस्तान क्रिकेट टीम के गिने-चुने हिंदू खिलाड़ियों में से एक रहे हैं, ने अमेरिकी कांग्रेस में अपना दर्द बयां करते हुए कहा—
"मुझे मेरी धार्मिक पहचान की वजह से क्रिकेट में आगे बढ़ने से रोका गया। शाहिद अफरीदी ने मुझसे कहा कि मुसलमान बन जाओ। जब मैंने ऐसा करने से इनकार किया, तो उन्होंने मेरे करियर को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।"
उन्होंने पाकिस्तान में हिंदू समुदाय पर होने वाले अत्याचारों को उजागर करते हुए कहा कि वहां हिंदुओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है, उनकी बहनों-बेटियों को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है।
दानिश कनेरिया का पाकिस्तान में सफर
दानिश कनेरिया पाकिस्तान के लिए 2000 से 2010 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले।
वह पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल लेग स्पिनर रहे हैं, जिन्होंने 261 इंटरनेशनल विकेट लिए।
लेकिन धर्म के आधार पर भेदभाव के कारण उनका करियर अचानक खत्म कर दिया गया।
शाहिद अफरीदी पर गंभीर आरोप
दानिश कनेरिया ने आरोप लगाया कि शाहिद अफरीदी ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा और टीम में उनका रहना मुश्किल कर दिया। उन्होंने कहा—
"जब भी मैं अच्छा प्रदर्शन करता, तो मुझे टीम से बाहर करने की कोशिश की जाती। शाहिद अफरीदी ने कभी नहीं चाहा कि मैं टीम में रहूं, उन्होंने हर जगह मेरे खिलाफ माहौल बनाया।"
पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति
दानिश कनेरिया के बयान के बाद एक बार फिर पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति पर बहस छिड़ गई है। पाकिस्तान में—
हिंदुओं को दूसरे दर्जे का नागरिक समझा जाता है।
मंदिरों पर हमले, लड़कियों का अपहरण और जबरन धर्मांतरण आम बात है।
हिंदू क्रिकेटरों को भी टीम में जगह बनाने और टिके रहने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
दानिश कनेरिया को भारत का समर्थन
दानिश कनेरिया को भारत में कई क्रिकेटरों और संगठनों का समर्थन मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि वह भारत में काफी सम्मान महसूस करते हैं और अगर मौका मिले, तो भारत में क्रिकेट से जुड़कर योगदान देना चाहते हैं।
दानिश कनेरिया का यह खुलासा पाकिस्तान में धार्मिक भेदभाव की असलियत को उजागर करता है। उनके अनुभव बताते हैं कि वहां अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया जाता और जो लोग इस अन्याय के खिलाफ खड़े होते हैं, उन्हें दबाने की कोशिश की जाती है। उनका दर्द अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गूंज रहा है, जिससे पाकिस्तान की छवि को बड़ा झटका लगा है।
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